एक जंगल में दो सियार रहते थे, वे दोनो भाई थे। वे दोनो हमेशा आपस मे लड़ते रहते थे। उनके माता पिता उनसे बहुत परेशान थे। उनके माता पिता ने जंगल के राजा शेर को अपनी परेशानी बताया। शेर ने दोनों सियारों को बुलाकर उन्हे बहुत समझाया लेकिन वे नही माने, एक दिन सियार की मम्मी मर गयीं। उनके पापा ने अपने दोनों बेटों को बुलाया और उनको समझाया कि देखो हम भी एक दिन मर जायेंगे तो उसके बाद खेत को कौन देखेगा, अगर तुम दोनो ऐसे ही लड़ते रहे तो हमारे खेत कोई दूसरा ले लेगा इसलिए आपस में लड़ने की बजाय तुम लोग मिलकर रहो, लेकिन फ़िर भी उनकी समझ में नही आया। अंततः एक दिन उनके पिता भी चल बसे। सियार के पास तीन जमीनके टुकडे थे । दोनों सियारों ने जमीन का बटवारा करना तय किया, बड़ा वाला सियार अपने छोटे सियार भाई से बोला कि दो खेत हम ले लेते है और एक खेत तुम ले लो। छोटा भाई सियार बोला नहीं हम दो खेत लेंगे, इस बात को लेकर दोनों सियारों में खूब झगड़ा होने लगा। उसी समय उधर से एक लोमड़ी निकल रही थी छोटे भाई सियार ने लोमड़ी को जाते देखकर उसे आपस में समझौते के लिये बुलाया। लोमड़ी ने उन दोनों सियारों को पास में बैठाया और कहा की तुम दोनों चाहते हो की तुमसे ज्यादा दुसरे को न मिले, दोनों सियारों ने कहा हाँ। लोमड़ी ने कहा की मेरे पास एक तरीका है तुम दोनों अपने तीनो जमीन के टुकड़े मुझे दे दो इन जमीन के टुकडों से जब एक और जमीन का टुकडा पैदा होगा तब तुम्हारे पास चार जमीन के टुकडे हो जायेंगे फ़िर दोनों दो - दो जमीन के टुकड़े ले लेना। दोनों मुर्ख सियार लोमड़ी के इस बात को मान गए और वे खुश हो गए की उन्हें जमीन के दो - दो टुकड़े मिलेंगे। दोनों ने अपने जमीन के तीनो टुकड़े के लोमड़ी को दे दिया। लोमड़ी ने उनसे तीन साल बाद आने को कहा। लोमड़ी आराम से उनमे खेती करके आनाज उगने लगी। तीन साल बाद दोनों सियार आए आयर कहा लोमड़ी बहन जमीन का बच्चा हुआ क्या? लोमड़ी उन्हें देखकर जोर - जोर से रोने लगी दोनों सियार डर गए, लोमड़ी बोली सियार भइया हमने बहुँत मेहनत की मगर आपकी जमीन बच्चा देते हुए मर गई। मैंने आपका बहुँत इंतजार किया आप नही आए तो मैंने उसे जंगल फेंक दिया। इस तीन साल में लोमड़ी ने जमीन पर ढेर सारा पेड़ लगा दिया अब वंहा पर कोई खाली जमीन नही थी। लोमड़ी ने कहा देखो यंहा पर कोई जमीन नही है, दोनों मूर्ख सियार रोते हुए वापस जंगल की तरफ चले गए।
कहानी:- धर्मेन्द्र कुमार, कक्षा 6, अपना घर
पेंटिंग:- आदित्य कुमार, कक्षा 6, अपन घर
पेंटिंग:- आदित्य कुमार, कक्षा 6, अपन घर
अच्छी कहानी..बच्चो को पसंद आएगी और सीख भी देगी..
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें.
अच्छी प्रेरक कथा.
जवाब देंहटाएंbest site
जवाब देंहटाएंseema bhati from bikaner rajasthan india