गुरुवार, 28 मई 2009

कविता: जल है जीवन

जल है जीवन
जल है मेरा जीवन
क्या इसके बिना जीवन
सदा साफ जल को ही पिए।
खूब जीवन लम्बी जिए॥
सबकी प्यास बुझाता जल।
तन की थकान मिटाता जल॥
जल को बर्बाद करे हम।
जल को बचाए मिलकर हम॥
जाने कितने को देता है जीवन।
इसके बिना बेकार है जीवन॥
जल है मेरा जीवन।
इसके बिना क्या जीवन
कविता: मुहम्मद चंदन तिवारी, कक्षा , अपना घर

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