रविवार, 16 नवंबर 2025

कविता: "कविता"

"कविता"
कविता ऐसा हो जिसमे मजा आए ,
रस हो खिलखिलाहट हो ,
जो पढ़ने में भा जाए, 
पहाड़ हो, रंग - बिरंग तितलियाँ हो ,
अहसास हो उस पल का। 
तेज हवाए और आंधी भी हो ,
फसले भी खिल उड़े और हरियाली भी ,
जो दिल और दिमाग में समा जाए ,
कविता ऐसा हो। 
कवि: रमेश कुमार, कक्षा: 5th,
अपना घर। 


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