गुरुवार, 27 नवंबर 2025

कविता: "दिल में राज करता मेरा भाई"

"दिल में राज करता मेरा भाई"
 भाई आज भी तू जिन्दा है मेरे दिल में ,
तेरे हर एक बात याद दिलाती है ,
मुझे आज भी बहुत याद आती है। 
तेरे बिन सब कुछ फीका फीका सा लगता है ,
यहाँ तक की मेरा चेहरा रुठा - रुठा सा लगता है ,
जब तू उदास सा दिखता है ,
सूरज भी उदास सा अपने घर से देखाई देता है ,
भाई आज भी तू जिन्दा है मेरे दिल में। 
राजा के तरह बैठा के रखा है तुम्हे, 
बस ताज पहनाना बाकी है ,
चाँद भी रुठी - रुठी सी लगती है ,
भाई आज भी तू जिन्दा है मेरे दिल में। 
तेरे सामने सुरजा और चाँद भी बेकार है, 
तेरे लिए तो ये बनाया मेरे द्वारा संसार है।
कवि: निरु कुमार, कक्षा: 9th,
अपना घर।  

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