"परेशान हूँ मै "
मै परेशान हो गया हूँ,
आस-पास के लोगो से|
हर किसी का सुनना,
जैसे कानो में काटे चुभना |
मै थक गया हूँ चलते- चलते ,
बस मै चाहता हूँ सोना|
मुझे मत जगाओ सोने से,
क्योंकि सपनो में नया संसार देखता हूँ|
मै परेशान हो गया हूँ,
अब तो डर लगता है गलतियां करना|
क्योंकि इसमें भी परेशानी है,
अब तो हमारी बातो में भी गलतियां है|
बस अब एक कोने में ही बैठा रहता हूँ ,
मै परेशान हो गया हूँ|
कवि :सुल्तान ,कक्षा :10th
अपना घर
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