मंगलवार, 13 अगस्त 2024

कविता:"यारी दोस्ती "

"यारी दोस्ती "
छोड़ो अब यारी दोस्ती ,
दोनों एक तरफ़ा है | 
वे तुम्हे हंसाएंगे और रूलायेंगे ,
सच तो यह है वे तुमसे गलतियां करवाएंगे | 
छोड़ो अब यारी दोस्ती ,
मौका मिला है कुछ कर जाने का | 
कुछ बड़ा करने का ,
सपनो को साकार करने का | 
कुछ बनने का और बनाने का ,
अपनों को खुश करने का | 
समय नहीं बचा है तुम्हारे पास ,
ये यारी दोस्ती बढ़ाने का | 
छोड़ो यरी दोस्ती,जो एकतरफा  है | 
कवि :सुल्तान ,कक्षा :10th 
अपना घर 

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