शनिवार, 3 अगस्त 2024

कविता :"गर्मी "

"गर्मी "
गर्मी आई गर्मी आई ,
कड़क धूप की गर्मी आई | 
तन मन को खूब जलाए ,
कड़क धूप सब  सताए | 
गर्मी से राहत पाने के लिए ,
ऐसी कूलर ,पंखा ,खोज | 
गर्मी से राहत पाए ,
गर्मी आई ,गर्मी आई | 
कड़क धूप की गर्मी आई ,
कवि : अभिषेक कुमार ,कक्षा :6th 
अपना घर 

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