सोमवार, 26 जून 2023

कविता :"एक मौका"

"एक मौका" 
 एक मौका देकर तो देखो | 
हम सवर जाएंगे 
चाहे कितनी कठिन क्यों न हो रास्ता | 
हम खड़े हो जाएंगे 
जो वर्षों से सूखी पड़ी थी जमीन | 
वो जाने कब मर जाएंगे 
एक मौका देकर तो देखो | 
बूंद बनकर बरस जांएंगे 
चाहे कितनी गहरी क्यों न हो यह समुद्र | 
गोता लगाकर हम आएंगे 
वर्षों से रोता था अपनों के लिए | 
आज वो मिल जाएंगे 
एक मौका देकर तो देखो | 
हम संभल जाएंगे 
कवि :सुल्तान ,कक्षा :9th
अपना घर  

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