शनिवार, 27 मई 2023

कविता "गर्मी "

"गर्मी "
गर्मी का मौसम आया फिर घूम कर | 
लू धूप और गर्म हवाएँ ,
सर- सर करते घर आते | 
घर में करते गर्मी बेसी ,
काम न पंखा कूलर ऐसी|  
कोई नीबू कोई जूस पी रहा, 
कभी खीरा तो कभी दही में जीरा|  
तपती गर्मी का है असर ,
बीमारी का बढ़ा कहर |
कवि :अखिलेश कुमार ,कक्षा :12th
अपना घर 

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