मंगलवार, 23 मई 2023

कविता : "समुद्र के पार "

  "समुद्र के पार "
 आओ चलो हम बहार चले | 
समुद्र के उस पार चले ,
अपनी मंजिल की खोज में | 
आओ संसार का सफर करने चले ,
मुसीबतों से संघर्ष करके | 
इतिहास की रचना करके ,
उसकी शुरुआत करे | 
एक नई सोच के साथ ,
इस संसार में कुछ बदलाव करे | 
आओ चलो हम बाहर चले,
समुद्र के उस पार चले |  
कवि :अमित कुमार ,कक्षा :9th 
अपना घर 

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