शुक्रवार, 9 दिसंबर 2022

कविता: "सवाल तो आते हैं मन में हजार"

 "सवाल तो आते हैं मन में हजार"
सवाल तो आते हैं मन में हजार,
जो कर देते हैं मुझे लाचार ।
सोंचने में मजबूर हो जाता हूँ ,
कि किस-किस का दूँ जवाब । 
हाँ  एक-दो सवाल हों तो,
शायद  दूँ अपने खयाल ।
पर इन सब चीजों से ,
आखिर कब तक उलझा रहूँगा यार ।
मैं बातें करता हूँ अपने आप से ,
ताकि सुन न ले कोई मेरे विचार ।
सवाल तो आते हैं मन में हजार ,
जो कर देते हैं मुझे लाचार ।
कवी: सुल्तान ,कक्षा: 8वीं 
अपना घर

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