सोमवार, 12 दिसंबर 2022

कविता :"अपना घर "

"अपना घर "

अपना घर हैं अपना,

यहाँ रहकर कर सकते हैं ।

पूरा अपना सपना,

पढाई का माहौल है यहाँ ।

यहाँ से अच्छा जगह है कहाँ ?

चारों ओर हैं पेड़ पौधे ।

गमलों में उगे हैं फूल यहाँ,

यहाँ के बच्चे बड़े प्यारे ,बड़े न्यारे ।

जो खुद करते हैं काम सरे,

साफ-सफाई का रखते हैं ध्यान । 

बड़ों न कभी अपमान ।

कवी: अप्तर हुसैन, कक्षा: 5th 

अपना घर  

 

 



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें