बुधवार, 5 जनवरी 2022

कविता : "जिन्दगी इक रास्ता है "

"जिन्दगी इक रास्ता है "

जिन्दगी इक रास्ता है | 

जिसपे चलना आना चाहिए ,

कुछ करो य न करो लेकिन |

कुछ कराना व करना आना चाहिए ,

इस जिन्दगी के रास्ते में | 

बहुत से गलत रास्ते होते है ,

लेकिन उसमें कौन सा रास्ता सही है | 

आपको पहचानना आना चाहिए ,

इन्हीं रास्ते में | 

कुछ गढ्ढे व कुछ चढ़ाव भी होते है ,

जिसमें आपको उतरना | 

और चढान आना चाहिए ,

जिन्दगी इक रास्ता है | 

जिसमें चलना आना चाहिए ,

कवि : महेश कुमार , कक्षा : 7th 

अपना घर

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