शुक्रवार, 28 मई 2021

कविता : " जिन्दगी के कुछ पल है "

" जिन्दगी के कुछ पल है "

 जिन्दगी के कुछ पल है | 

जिसे तुम्हे जीने को मिला,

अपनी यह अनजान सी जिन्दगी में | 

कुछ बड़ा करना है ,

अपने राह पर आने वाले हर | 

कठिनायो से ,

उससे तुम्हे ही लड़ना है | 

अपनी इस जिन्दगी में ,

 इस जिन्दगी के कुछ पल है | 

जो तुम्हे मिला ,

कुछ ऐसा करो अपनी | 

जिन्दगी में तुम ,

कि सारा जहाँ देखता रह जाए | 

अपने इस जिन्दगी के कुछ पल,

कवि : संजय कुमार , कक्षा : 11 

अपना घर

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