सोमवार, 19 अप्रैल 2021

कविता : " मौसम का क्या कहना "

 " मौसम का क्या  कहना "

मौसम का क्या  कहना ,

 जो हसी -ख़ुशी का माहौल बना  दे | 

 सुखने लगे सारे  पेड़- पौधे ,

अब तो बादलो से बून्द गिरा दे  | 

 मौसम का क्या कहना ,

जो अंधकार  को उजाला में बदल दे | 

चारो तरफ ही अंधेरा -अंधेरा ,

अब तो अंधेरे -अंधेरे में दीपक जला दे

मौसम का किया कहना ,

जो हर एक चेहरे पर मुस्कान दिला दे | 

रूठे है लोग तुझसे ,

अब तो गर्मी को सर्दी को  बदल दे | 

 मौसम का क्या कहना ,

जो चाँदनी  रात में तारे दिखा दे | 

लोग करते है तेरा इंतजार ,

अब तो फूलो से  बगिया महका दे |

कवि : रविकिशन , कक्षा : 12th , अपना घर

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