शनिवार, 27 फ़रवरी 2021

कविता:-अपनी माँ की तलाश में

"अपनी माँ की तलाश में"
मै अब निकला हूँ।
अपनी माँ की तलाश में।।
कोई नजर नहीं आता आस-पास।
क्यों खो बैठा मैं उनको।।
जो रहती थी हमेशा मेरे पास।
मै बैठा अपनी माँ की आस में।।
अब भूख भी नहीं लगती माँ की आस में।
माँ को खोजने की कोशिश में।।
खो दिया सारा बचपन।
अब मै निकला हूँ।।
अपनी माँ की खोज में।
कविः-सुल्तान कुमार, कक्षा- 6th, अपना घर, कानपुर 

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