गुरुवार, 25 फ़रवरी 2021

कविता:- इस सुहाने मौसम में

"इस सुहाने मौसम में"
इस सुहाने मैसम में।।
पक्षी उड़ते हैं गगन में।।
इस सुहावने मौसम में।
खूबसूरत सारा जहाँ है।।
 हर किसी को यह मौसम भाता है।
इस सुहावने मौसम में।।
गाना सुनकर होते हैं मगन। 
काम करने में आता है आनंद।।
बिना रुके ही करते है।
 हर काम करते हैं अराम से ख़त्म।।
इस सुहावने मौसम में।
पक्षी उड़ते हैं गगन में।।
कविः- कुलदीप कुमार, कक्षा -9th, अपना घर, कानपुर,
 

कवि परिचय : यह हैं कुलदीप कुमार जो की छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं।  कुलदीप पढ़ाई में बहुत अच्छे हैं।  कुलदीप एक नेवी ऑफिसर बनना चाहते हैं।  कुलदीप अपनी कविताओं से लोगों को जागरूक करने की कोशिश करते हैं।  इनको  क्रिकेट खेलना पसंद है।
 

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