शुक्रवार, 15 जनवरी 2021

कविता:- आयी प्यारी-प्यारी शर्दी

"आयी प्यारी-प्यारी शर्दी"
आयी प्यारी-प्यारी शर्दी।
धरती पहन ली है वर्दी।।  
देखो नाच रही है शर्दी।
सब लोग पहन लिए हैं वर्दी।।  
बर्फ गिरने लगी टपटप।
सब चले गए घर में खटपट।। 
सब लोग सो गए चादर के अंदर।
बाहर शर्दी मचा रही गदर।। 
आयी प्यारी-प्यारी शर्दी। 
धरती पहन ली है वर्दी।।  
कविः-रोहित कुमार, कक्षा- 3th, अपना घर, कानपुर,
कवि परिचय:- ये रोहित कुमार हैं । जो बिहार के नवादा जिले के पाली नामक गाँव के रहने वाले हैं। इनको कविता लिखना पसंद है।  

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