बच्चों का आकाश .... बच्चों के लिए
" रक्षा बन्दन "
खिड़की के पास बैढे सोच ,
रहा था अच्छी सी बात |
तभी मुझे याद आया ,
रचा बन्धन की बात |
कलाई पर बंधेगी राखी ,
लगेगा भाई बहन है साथी |
भाई -बहन के लिए है कितना खाश ,
भाई लगाए रहते है आश |
कवि : अखिलेश कुमार ,कक्षा : 10th , अपना घर
सुन्दर
सुन्दर
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