मंगलवार, 14 जनवरी 2020

कविता : सितारों की तरह बिखर गई

" सितारों की तरह बिखर गई "

मेरी टूटी हुई उम्मीद,
सितारों की तरह बिखर गई | 
मुझे क्या पता था की ,
मेरी जिंदगी इन्ही टुकड़ो 
पर ही संभल रही है | 
इन उम्मीदों को मैं फिर से ,
जोड़ने की कोशिश करता हूँ | 
पर क्या करूँ मैं हमेशा,
ही असफल हो जाता हूँ | 
मेरी टूटी हुई उम्मीद,
सितारों की तरह बिखर गई | 

कवि : रविकिशन , कक्षा : 10th , अपना घर 

कवि परिचय: यह कविता रविकिशन के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के नवादा जिले के रहने वाले हैं | रविकिशन ने इस कविता को बहुत मन से लिखा है | इस कविता के माध्यम से एक जुट रहने की सीख मिलती हैं | 

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