मंगलवार, 5 नवंबर 2019

कविता : वातावरण

" वातावरण "

सर्दी का मौसम आ रहा है,
वातावरण में कुहरा छ रहा है |
इस पल रहना है सावधान,
क्योंकि फ़ैल रहा है खतरनाक जुकाम |
डेंगू मलेरिया  से हमें है बचना,
नहीं तो इस बीमारी से मरना |
ओस से भरा पड़ा है मैदान,
जब तक हो जाए पैर स्नान |
सर्दी का मौसम आ रहा है,
वातावरण में कुछ कोहरा छा रहा है | 

कवि : कुलदीप कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता कुलदीप के द्वारा लिखी गई है जिसका शीर्षक " वातावरण " है | कुलदीप को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है और अभी तक बहुत सी कवितायेँ लिख चुके हैं | कुलदीप एयरफोर्स में जाना चाहते हैं | कुलदीप पढ़ाई में बहु अच्छे हैं | इस कविता के माध्यम से लोगो को बढ़ते प्रदूषण के बारे में जागरूक करना चाहते हैं | 

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