" मेर प्यारी माँ "
कौन है जिसने हमें जीना सिखाया,
कौन है जो हर वक्त साथ निभाया |
गर्मी की वो छाँव है ,
सर्दी की वो धूप है |
जितने भी मौसम है,
उसके कर्ज़दार हैं हम |
रात में वह पहरेदार है,
हमारी हर गलती की जिम्मेदार है |
न ही वह धरती है
और न ही है कोई आसमां,
वह तो है मेरी प्यारी माँ |
कवि : अखिलेश कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर
कवि परिचय : यह कविता अखिलेश के द्वारा लिखी गई है जो कि बिहार के नवादा जिले के रहने वाले हैं और "अपना घर" संस्था में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं | इस कविता का शीर्षक" माँ "है जिसपर उन्होंने यह कविता लिखी है | अखिलेश पढ़ाई में बहुत ही अच्छे हैं |
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