सोमवार, 28 अक्टूबर 2019

कविता : बनना है तुझे महान

" बनना है तुझे महान "

राह  है  कठिनाई से भरी,
इतना की उम्मीद से परे | 
जिसे करना है पार,
झूझना है ताकि न हो हार | 
कहीं चढ़ान तो कहीं ढलान, 
कहीं ऊँचा तो कहीं नीचा |  
चढ़े न इतना जल्दी थकान,
बनना है तुझे इस राह में महान | 
उभारना है कठिनाइयों के बीच,
मरना है तुझे कुछ ऐसा ही तीर | 
राह  है  कठिनाई से भरी,
इतना की उम्मीद से परे | 

कवि : कुलदीप कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता कुलदीप के द्वारा लिखी  गई है जिसका शीर्षक है "बनना है तुझे महान " | कुलदीप को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है और अभी तक बहुत सी कवितायेँ लिख चुके हैं | कुलदीप इस कविता के माध्यम से बताना चाहते हैं की जिंदगी दरबदर कठिन होती ही जा रही है | 

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