शुक्रवार, 20 सितंबर 2019

कविता : धूप ने लिया अवतार

" धूप ने लिया अवतार "

गर्मी में हुए बेहाल,
धूप ने लिया अवतार |
पसीना भर -भर गिर रहा है,
बच्चे घट -घट पानी पी रहा है |
मन करता है तो नहा ले यूँ
ठंडा होकर हो जाए तन |
गर्मी से हुए बेहाल,
धुप ने लिया अवतार |

कवि : कुलदीप कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता कुलदीप के द्वारा लिखी गई है जिसका शीर्षक" राखी का पर्व" है | कुलदीप को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है | कुलदीप पढ़ाई में बहुत अच्छे हैं | कुलदीप को क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है | कुलदीप नेवी ऑफिसर बनना चाहते हैं |

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