" ऊँचे "
ऊँचे है ये कितने ऊँचे हैं,
सीधे हैं ये कितने सीधे हैं |
पर ये है कितने फीके,
इनसे हमको भी है सीखना,
कठिनाइयों से है लड़ना |
बस उनको तो है सिर्फ पढ़ना,
ये हैं हिमालय
बस आप से इतना है कहना |
कवि : समीर कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर
कवि परिचय : यह कविता समीर के द्वारा लिखी गई है जो की प्रयागराज के रहने वाले हैं | समीर को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है | समीर कवितायेँ किसी भी विषय पर लिखते हैं | समीर एक बहुत ही नेक छात्र है |
वाह बेहतरीन रचनाओं का संगम।एक से बढ़कर एक प्रस्तुति।
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