गुरुवार, 30 मई 2019

कविता : गर्मी

गर्मी

गर्मी आई ,गर्मी आई,
संग में कड़ाके की धूप लाई |
गर्मी में धूप से पसीना आई,
गर्मी आई ,गर्मी आई |
गर्मी में फल भी आई,
गर्मी से ठण्डी भी भागी |
गर्मी में पैंट पहन लो भाई,
गर्मी से बचकर रहो मेरे भाई |
बर्फ ,कुल्फी और तरबूज खाओ,
इस कड़ाके की गर्मी का लुफ्त उठाओ |
नाम : नवलेश कुमार , कक्षा : 5th , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता नवलेश के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के नवादा जिले के निवासी हैं | नवलेश बहुत ही हसमुख है और कवितायेँ लिखने में बहुत रूचि रखता है | नवलेश को क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है और कविता लिखना भी  बहुत पसंद है |  नवलेश के माता - पिता ईंट भठ्ठों में ईंट पथाई का काम करते हैं |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें