शनिवार, 18 मई 2019

कविता : हँसी तो सभी को आती है

" हँसी तो सभी को आती है "

हँसी तो सभी को आती है,
लेकिन वह हँस नहीं पाता है |
दर्द तो सभी को होता है,
लेकिन वह सह नहीं पाता है |
जिंदगी जीना है सभी को,
लेकिन जी नहीं  पाता |
पढ़ना उसे पड़ता है जो रह नहीं पाता,
दर्द उसे होता है जो सह नहीं पाता |
हँसी तो सभी को आती है
लेकिन वह हंस नहीं पाता |

                                                                                                                नाम : सुल्तान कुमार , कक्षा : 5th , अपना घर

कवि परिचय : बड़े ख़ुशी के साथ इस कविता को लिखने वाले सुल्तान कुमार बिहार के नवादा जिले के निवासी हैं और वर्तमान में अपना घर संस्था में रहकर अपनी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं | सुल्तान को कवितायेँ लिखना , चित्र बनाना और अन्य गतिविधियां करने में बहुत मजा आता है | मुझे उम्मीद है की आप लोगों के समर्थन से मैं और भी कवितायेँ लिखूँगा |

1 टिप्पणी:

  1. बदलते माहौल में कई बार छोटी-छोटी बातें भी बड़ी प्रेरक सी बन जाती हैं। मेरा ब्लॉग कुछ यादों को सहेजने का ही जतन है। अन्य चीजों को भी साझा करता हूं। समय मिलने पर नजर डालिएगा
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