शनिवार, 16 मार्च 2019

कविता : होली

" होली "

इस महीना लग रहा है कुछा खास,
आने वाला है दस दिन के बाद |
उस दिन का है इंतजार,
रंगों की होगी बरसात |
उस में सभी रंग होंगे,
न कोई भेदभाव सब खेलेंगे |
सब दुश्मन होंगे एक साथ,
क्योंकि लग रहा है कुछ खास |
रंग भरी पिचकारी चलेगी,
रंग , मिष्ठान और गुलाल उड़ेंगे |
हर कोई रंग खेलेगा,
कोई बुरा भला नहीं बोलेगा |
         

कवि : रवि किशन , कक्षा : 10th , अपना घर



कवि परिचय : यह कविता रविकिशन के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के निवासी हैं | रविकिशन ने यह कविता आने वाले त्यौहार होली पर लिखी है | जिस प्रकार सभी होली में रंग जाते हैं उसी प्रकार रविकिशन भी रंग जाना चाहता है | रविकिशन को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है |

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