सोमवार, 4 मार्च 2019

कविता : आंसुओं को रोक नहीं सकते

" आंसुओं को रोक नहीं सकते "

आंसुओं को वो गम दे जाते हैं,
पर आंसुओं को रोक नहीं सकते |
दर्द जो दिल का होता है
वो आंसुओं में बह जाते हैं |
दर्द तो आँखों में होता है,
जो हसरत से भी ज़्यादा भरी है |
गम तो आंसुओं में है,
जो हसरत में बह जाती है |
आँखों में तो नमीं है,
जो बदल सकती हैं रहे |
हसरत की भी आँसूं है,
उसे रोक नहीं सकते |

कवि : सनी कुमार , कक्षा : 7th , अपना घर

कवि परिचय : यह हैं सनी जिन्होंने यह कविता लिखी है सनी बिहार के नवादा जिले के निवासी हैं | सनी को क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है और वह कानपुर की टीम से भी खेल चुके हैं | सनी बहुत अच्छे हैं पढ़ाई में |


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