गुरुवार, 14 फ़रवरी 2019

कविता : बसंत

" बसंत "

बसंत की बहार आयी,
गर्मी का अहसास दिलाई |
अब तो बोर आम के पेड़ों पर आई,
कोयल पेड़ों में कुहू - कुहू बोली |
मधुर स्वर वातावरण में है गूंजा,
बसंत की बहार है आयी |

मौसम में बदलाव आये,
सरसों के खेत है लहराए |
सोने की रंग की धूप है छिड़की,
नई कोपल पेड़ों पर है आयी,
प्रकति नई उमंग में भरमाई |  
बसंत की बहार आयी,
गर्मी का एहसास दिलाई |


कवि : राज कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर

कवि परिचय : यह हैं राज कुमार जिन्होंने यह कविता लिखी है जो की हमीरपुर के निवासी है | राज को कवितायेँ लिखने की बहुत रूचि है राज को राजनैतिक में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं |

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