" बसंत "
बसंत की बहार आयी,
गर्मी का अहसास दिलाई |
अब तो बोर आम के पेड़ों पर आई,
कोयल पेड़ों में कुहू - कुहू बोली |
मधुर स्वर वातावरण में है गूंजा,
बसंत की बहार है आयी |
मौसम में बदलाव आये,
सरसों के खेत है लहराए |
सोने की रंग की धूप है छिड़की,
नई कोपल पेड़ों पर है आयी,
प्रकति नई उमंग में भरमाई |
बसंत की बहार आयी,
गर्मी का एहसास दिलाई |
कवि : राज कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर
कवि परिचय : यह हैं राज कुमार जिन्होंने यह कविता लिखी है जो की हमीरपुर के निवासी है | राज को कवितायेँ लिखने की बहुत रूचि है राज को राजनैतिक में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं |
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन वीनस गर्ल की सौन्दर्य-आभा : ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...
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