गुरुवार, 18 अक्टूबर 2018

कविता : " यही तो विज्ञानं है "

" यही तो विज्ञानं है " 

अच्छे कामों से ही नाम होती है,
आसमान में ही उड़ान होती है | 
माँ के चरणों में ही जहाँ होती है,
ऐसे पुरुष ही महान होते हैं | 
जो हम जमीं में एक बीज बोते हैं,
वो हज़ार पेड़ों के सामान होते हैं | 
दूसरों को सदा नमन करो,
वही तो सम्मान होती है | 
जो अपने दिमाग को सही से प्रयोग करे 
वही बंदा ही बुद्धिमान होता है | 
और चीजों को सही से पहचानना 
यही एक महान विज्ञानं होती है | 

कवि : देवराज कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर 



कवि परिचय : यह हैं देवराज जो की बिहार के रहने वाले हैं | देवराज को कवितायेँ लिखना बहुत पसंद है | देवराज अपनी कविताओं के माध्यम से लोगों को प्रेरित करते हैं | देवराज एक महान डांसर बनना चाहते हैं | 

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