गुरुवार, 3 मई 2018

कविता : आज़ादी

"आज़ादी "

आज़ादी का दिन आया, 
अपने साथ कुछ रहस्य लाया | 
फिर से खुशियों को लौटाने,
अपने साथ आज़ादी लाया | 
वतन की रक्षा करो सिखाया, 
बिना डरे तुम जियो बताया | 
चलो बिना हिचकिचाए, 
क्यों बैठे हो मुँह पिचकाए | 
इस देश के कायरों, 
चलो वतन की रक्षा करो| 
जब इन्हें ये बुलाया, 
है तुम्हे किसी ने बुलाया | 
आज़ादी का दिन आया,
अपने साथ रहस्य लाया |

नाम : समीर कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर  

कवि परिचय : यह हैं समीर कुमार जो कि इलाहबाद के रहने वाले हैं और अपना घर में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं | समीर गीत बहुत अच्छा गए लेते हैं और साथ ही साथ अच्छी कवितायेँ भी लिख लेते हैं | समीर बड़े होकर एक संगीतकार बनना चाहते हैं |  

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