रविवार, 15 अप्रैल 2018

कविता जीना है हमें

" जीना है हमें "

फूलों की मुस्कान जैसा, 
खुले आसमान के जैसा | 
किसानों की शान जैसा, 
एक नए सपने के जैसा | 
हमें जीना है यहाँ | |  
पानी की चलती धारा,
की तरह बहना है हमें | 
आसमान की खुली हवाओं, 
की तरह बहना है हमें | 
इसी तरह सब कुछ करके,
जीवन में जीना है हमें | | 

नाम , अखिलेश कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर 


कवि परिचय : यह हैं अखिलेश कुमार जो की बिहार के नवादा जिले से यहाँ रहने और पढ़ने के लिए आए हुआ हैं | अखिलेश कवितायेँ बहुत ही अच्छी लिखते हैं | बड़े होकर एक महँ फुटबॉलर बनना चाहते हैं | 

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