गुरुवार, 22 फ़रवरी 2018

कविता :अजनबी दुनियाँ

"अजनबी दुनियाँ "

ये अजनबी दुनियाँ क्या है,
क्या बुराऔर क्या भला है | 
कोई मतभेद इसमें नहीं जरा, 
जिंदगी खुशियों  से है भरा |
नहीं दबाव है किसी पर,
हँसी ख़ुशी रहते यहाँ पर |
न हो किसी से बैर और,
न हो किसी से दुश्मनी | 
हम सब मिलकर रहे,
क्योंकि यही है जिंदगी | 

नाम : नितीश कुमार , कक्षा : 7th , अपनाघर 


कवि परिचय : यह हैं नितीश कुमार बहुत ही शांत और शुशील इंसान हैं हर काम को सिरियस से लेते हैं | कवितायेँ लिखने के साथ - साथ टेक्नोलॉजी में भी बहुत माहिर हैं | 

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