" हम मजदूर हैं "
हम मजदूर हैं तो क्या हुआ,
कल का भविष्य है हम |
मेरी सफलताओं को,
कदम चूमेगीं एक दिन |
हौशला और जज्बों को,
कम नहीं होने देंगे हम |
मंजिल तय न हो जाए,
कोशिश करते कहेंगे हम |
मुश्किलों से न घबराएँगे,
हर संकट को पार कर जाएंगे |
नाम : नितीश कुमार , कक्षा : 7th , अपनाघर
कवि परिचय : नितीश कुमार बिहार के रहने वाले हैं लेकिन अपने परिजन के साथ कानपूर में आकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं | पढाई में बहुत मेहनत करते हैं | पढ़ लिखकर अपना परिवार वालों की मदद करना चाहते हैं |
नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी यह प्रस्तुति BLOG "पाँच लिंकों का आनंद"
(http://halchalwith5links.blogspot.in ) में
गुरूवार 11-01-2018 को प्रकाशनार्थ 909 वें अंक में सम्मिलित की गयी है।
प्रातः 4 बजे के उपरान्त प्रकाशित अंक अवलोकनार्थ उपलब्ध होगा।
चर्चा में शामिल होने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं, आइयेगा ज़रूर।
सधन्यवाद।
शाबाश नितिन ! तुम्हारी काव्य-प्रतिभा ने मुझे प्रभावित किया है और उस से अधिक तुम्हारे जोश ने. अभी तुम्हारी कविता में परिपक्वता नहीं है और उसमें भाषा-दोष भी है. 'हौशला' नहीं 'हौसला'होता है.
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