शनिवार, 19 अगस्त 2017

कविता- प्यारे बनो ,न्यारे बनो

प्यारे बनो ,न्यारे बनो 

प्यारे बनो ,न्यारे बनो,
सबके दिल के दुलारे  बनो | 
करो सदा अच्छे काम ,
जिससे हो जग में तेरा नाम | 
जागनी  पड़ेगी सारी  रात, 
अगर  पाना चाहते हो अपना पथ |  
समय को कभी नहीं करना बर्बाद, 
हमेशा रखना यही याद | 
जिंदगी का लो पूरा आनंद, 
जैसे जिए थे विवेकानंद | 
कवि -देवराज कुमार , कक्षा - 7th ,अपनाघर 


कवि परिचय :  बिहार के रहने वाले देवराज | आजकल कविताओं के बादशाह माने जाते है | ये हमेशा कुछ नई सोच  के साथ अपनी कविताओं  को ख़ूबसूरत बनाते है | ये क्रिकेट खेल में भी माहिर है|  ए बी डिविलियर्स इनके बेस्ट खिलाडी है | इनको   डांस करना बेहद पसंद है | उम्मीद है की ये हमेशा नई सोच के साथ अपनी कविता को लिखेगें | 

7 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ख़ूब ! अतिसुन्दर रचना बेहद शिक्षाप्रद बेटा लिखते रहिए मेरी शुभकामना आपके साथ है आभार "एकलव्य"

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  2. शुभ प्रभात
    कानपुरिया देवराज
    पहले ही आतंक था चोटी काटने वाके का
    अब कान काटने वाला कानपुरिया का आने वाला है
    अशेष शुभकामनाएँ...
    सादर

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  3. भविष्य के भोर, नव सृजन के साज!
    चरैवती , चरैवती, चरैवती देवराज !!..... बधाई और शुभ कामना!!!

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  4. बहुत ही शिक्षाप्रद रचना लखते रहो ,बधाई।

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  5. बहुत सुन्दर...
    शुभकामनाएं...

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  6. Vishwa Mohan Jee
    आपके हौसलाफजाई और बधाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
    बाल सजग टीम

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