मंगलवार, 19 अगस्त 2014

कविता: छुट्टी के दिन आई रे

छुट्टी के दिन आई रे  ...

आई रे आई रे आई रे
छुट्टी के दिन आई रे 
खेल कूद ले आई रे
मस्ती का दिन लाई रे 
आई रे आई रे आई रे
छुट्टी का दिन आई रे 
गाई रे गाई रे गाई रे
कोयल गीत गाई रे 
आई रे आई रे आई रे
छुट्टी का दिन आई रे 
पढाई से हो गई कुट्टी रे 
मार से मिली है छुट्टी रे 
आई रे आई रे आई रे
छुट्टी का दिन आई रे...
                                    कवि: देवा कुमार, कक्षा 4th, अपना घर, कानपूर          


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें