"संघर्ष "
हो चक्र चाहे ही भवर ।
हरगिज कभी डरना नहीं।।
आ जाए चाहे सुनामी ।
तुम पीछे हटाना नहीं ।।
संघर्स करके रोज तुम ।
जीवन के रास्ते मे आगे बढ़ते रहो।।
आ जाए चाहे आंधी ।
उन झोंको से तुम डरना नहीं ।।
यह जिंदगी अनमोल है ।
इसे कभी खोना नहीं ।।
संघर्स के रास्ते पर चलकर ।
रास्ते में सोना नहीं ।।
हो चक्र चाहे ही भवर ।
हरगिज कभी डरना नहीं।।
आ जाए चाहे सुनामी ।
तुम पीछे हटाना नहीं ।।
संघर्स करके रोज तुम ।
जीवन के रास्ते मे आगे बढ़ते रहो।।
आ जाए चाहे आंधी ।
उन झोंको से तुम डरना नहीं ।।
यह जिंदगी अनमोल है ।
इसे कभी खोना नहीं ।।
संघर्स के रास्ते पर चलकर ।
रास्ते में सोना नहीं ।।
नाम :संजय कुमार , कक्षा :12
स्कूल : पंडित रामनारायण इन्टर कॉलेज ,कानपुर
आपकी पोस्ट बुधवार (24-10-2012) को चर्चा मंच पर । जरुर पधारें ।
जवाब देंहटाएंसूचनार्थ ।