गुरुवार, 9 अगस्त 2012

शीर्षक :- आसमान

शीर्षक :- आसमान 
आसमान क्यों नीला-नीला....
आम क्यों हैपीले-पीले,
बादल क्यों है काले-काले....
क्या हमने कभी ये सोंचा है,
क्या हमने कभी ये जाना है....
रूप को पहचाना है,
आखिर इनमे क्या है खास....
ये बात मुझे नहीं आ रही रास,
उनके विषय में जानना एक कला है....
उनको पहचानना एक राज है,
आसमान क्यों नीला-नीला....
हरा भरा और रसीला,
कवि मुकेश :कुमार 
कक्षा : 11 
अपनाघर 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें