शनिवार, 25 अगस्त 2012

शीर्षक:- बाग बगीचे और खेत

शीर्षक:- बाग बगीचे और खेत 
अगर न होते बाग-बगीचे....
और न होते खेत,
कहाँ से आता सब्जी गेहूं....
कैसे भरता पेट,
इसलिए किसान उगाता....
सब्जी गेंहू धान,
इन्ही को खाकर पेट....
करता है आराम,
तभी तो मिलती है ऊर्जा....
जिससे शरीर है करता रहता काम,
अगर न होते बाग-बगीचे....
और न होते  खेत,
कवि:- जितेन्द्र कुमार 
कक्षा:- 9 
अपना घर 

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