शीर्षक :- अँधेरे में चन्द्रमा
रात के अँधेरे में....
चन्द्रमा के घेरे में,
तारों की रातों में,
जग-मगा रहे थे तारे....
मन करता है उनको छुलूं....
मन करता है उनसे बोलूं,
उनको अपने पास बुलाकर....
अलग-अलग सवाल मैं पूछूं,
रात के अँधेरे में चंद्रमा के घेरे में....
कवि : मुकेश कुमार
कक्षा : 11
अपना घर
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जवाब देंहटाएंbadhiya prastuti
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
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