शुक्रवार, 1 जून 2012

कविता:-गौरैया

कविता:-गौरैया
गौरैया ओ चिड़िया रानी.... 
घरों में हमारे आती है,
गाना गाकर उछल कूदकर....
जानें कहाँ उड़ जाती है,
तुम्हारा अस्तित्व संकट में क्यों है....
हमें तुम्हें बचाना है, 
गौरैया की चहल-पहल....
को बचाना चाहिए, 
तुम छोटी हो कितनी प्यारी हो....
चुन-चुन गीत सुनती हो, 
गाँव की झोपड़ियाँ घोसला तुम बनती हो....
गौरैया ओ चिड़िया रानी, 
घरों में हमारे आती है....
हल्ला खूब मचाती  हो,
 
नाम : मुकेश कुमार 
कक्षा : 10
 अपना घर 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें