बाल सजग
बच्चों का आकाश .... बच्चों के लिए
शुक्रवार, 4 मई 2012
कविता :-शिक्षा
शिक्षा
कक्षा में मैं बैठे-बैठे देख रहा था....
अध्यापक की बातें दिमाग में घोंप रहा था,
सोंचा मैं याद कर लूँ....
अध्यापक से बात कर लूँ,
जब तक अध्यापक के हाथ में छड़ी है....
तब तो बच्चों की शामत खड़ी है,
नाम :लवकुश कुमार
कक्षा :8
अपना घर
1 टिप्पणी:
Sawai Singh Rajpurohit
5 मई 2012 को 1:21 pm बजे
बेहतरीन रचना..
जवाब दें
हटाएं
उत्तर
जवाब दें
टिप्पणी जोड़ें
ज़्यादा लोड करें...
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
बेहतरीन रचना..
जवाब देंहटाएं