शुक्रवार, 13 जनवरी 2012

कविता - पावन अवसर पर

कविता - पावन अवसर पर 
 नये साल के पावन अवसर पर ,
 रह -रहे हैं  इस  धरती पर ......
 कुछ न कुछ कर के जाना हैं ,
 ना की नये साल पर खुशी मानते रहना हैं,
 सब कुछ कर सकता हूँ आने वाले हर पल में....  
 नये साल को खुसी से मना सकता हूँ ,
 तो समाज के लिए नये साल पर .......
 कुछ नहीं कर सकता हूँ ,
 हर नये साल पर हम कुछ न कुछ.......
सकल्प लेते है अपनी जिन्दगी के लिये,
 तो क्या समाज के लिए कुछ करने का ......
एक और सकल्प नहीं ले सकते हैं ,
नये साल के पावन अवसर पर .....
रह- रहे है इस धरती पर........
लेखक - सागर कुमार 
कक्षा - 8  अपना घर ,कानपुर  

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