शनिवार, 10 दिसंबर 2011

तारे और सितारे


कविता -तारे और सितारे 
 रात में तारे ,
 दिन में सितारे.....  
 कहाँ से आते हैं ,
कौन हैं इनको लाते.....
 यदि पता चले हमको ,
 तारे सितारे तोड़ के बांटू  सबको.......
 चाहे दिन हो या हो रात  ,
 न करने देगे चंदा सूरज से बात......
 जब मन करेगा तब उनको निकालेगे,
 जहाँ अँधेरा होगा वहां उजाला कर देगे......
 लेखक - आशीष कुमार 
कक्षा - ९ अपना घर, कानपुर 

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