सोमवार, 21 नवंबर 2011

गलती स्वीकारेगे

कविता -गलती स्वीकारेगे 
धमकियाँ कौन  देते हैं,
  नेता पड़े सोते हैं .....
गलती हमने नहीं की हैं,
 घूस हमने नहीं ली हैं ....
 कुछ गलती esee होती हैं,
jo sabako दुःख detee हैं ....
नहीं कयेगे ab ham गलती ,
yah हैं nara  kal  ka......
स्वीकारेगे apnee गलती,
yah हैं nara ab ka
.
धमकियाँ कौन  देते हैं,
  नेता पड़े सोते है......
 lekhak - gyan 
kaksha - 8 apna ghar ,kanpur 
 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें