शीर्षक -पढ़ने से माँ -बाप ने रोका
वक्त के हालात ने रोका ,
हम को पढ़ने से माँ- बाप ने रोका .....
जब पहली बार पढ़ने को कहाँ ,
तब टाल दी मेरी मेरी बात .....
बोले पढ़कर क्या करोगे ,
सही नहीं हैं इस देश के हालात......
एक -एक करके कट गए सभी दिन,
जब पढ़ना था तब पढ़ न सका .......
मेरी बातो को कोई समझ न सका ,
हमको पढ़ने से माँ- बाप ने रोका .......
लेखक - आशीष कुमार
कक्षा - ९ अपना घर, कानपुर
kaphi marmik kavita hai lekin jeevan me hamesha aashavan bane rahna chahiye so kavita ka ant bhi usi tarah hona chahiye.
जवाब देंहटाएं