शुक्रवार, 16 सितंबर 2011

कविता -आओ सब एक साथ

आओ सब एक साथ
 कैसे गये कैसे गाये,
इस देश के गुणगान ....
नहीं बचा हैं ऐसा कुछ ,
लुट गया हैं सारा देश .....
कैसे गाये कैसे गाये,
इस देश के गुणगान.....
लूटने वाले ले गये सारा माल,
साथ में ले गये सारा इमान......
लोगो   की बात करे ,
सब नहीं आते सामने......
बैठे रहते छाव के नीचे ,
करते रहते कुछ बाते .....
उनको क्या परवाह ,
क्या हो रहा हमारे यहाँ ......
क्या- क्या करे एक इंसान  ,
आओ सब एक साथ .....
करो संघर्ष एक साथ ,
जिससे हो देश का कल्याण ......
न हो आज जैसा हलात ,
सबको आना चाहिए एक साथ .......
करने चाहिए कुछ ऐसे काम,
जिससे हम गये देश के गान......

लेख़क -अशोक कुमार
कक्षा -९ अपना घर ,कानपुर

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