शुक्रवार, 9 सितंबर 2011

कविता - जल

 जल
लोग करते हैं जल का खूब दुर्पयोग ,
नहीं करते ये इसका सही उपयोग .....
नल के पास ही ये हैं गन्दगी करते ,
उसी नल से ये पानी हैं भरते हैं .....
गाँव में अधिकतर ऐसा ही होता हैं ,
जहाँ नल हमेशा हैं रोता  रहता .....
इसीलिए तो लोगो को होती बीमारी,
कुछ को हैजा तो कुछ जो महामारी ......
इन गाँव को करना हैं शिक्षित ,
कोई रहे न अब अशिक्षित .....
जल हैं हम सब का जीवन ,
जल को रखो साफ तुम हर दम.....
लेख़क - धर्मेन्द्र कुमार
कक्षा -९ अपना घर कानपुर

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