शनिवार, 25 जून 2011

कविता -नेता

नेता 
अपने देश के नेता हैं कैसे ,
लूटते रहते देश के पैसे ....
कालाधन को विदेशों में जमा कर रहे हैं,
भ्रष्ट नेता अपने बुढ़ापे के लिए ......
लेकिन जनता भूखी मर रही हैं  ,
इन भ्रष्ट नेताओं के कारण......
आखिर ये भ्रष्ट नेता इस कालेधन को क्या करेगे,
मुझे लगता हैं ,ये इन पैसों से अपनी चिता जलायेगे......
राजा हो या कलमाड़ी ,
सब के सब करते हैं घोटाला .....
कोई नहीं हैं इन्हें बोलने वाला .....
लेखक -मुकेश कुमार 
कक्षा -१० अपना घर ,कानपुर

5 टिप्‍पणियां:

  1. अजी बुढापे का नहीं सत्तर पुश्तों का इंतजाम कर लिया होगा।

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  2. आज बच्चे भी जान गये हैं नेताओं का सच कभी बच्चे महान नेताओं की जीवनी से प्रेरणा लेते थे मगर आज कहाँ से कहाँ पहुँच गये ये नेता।

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  3. बहुत बढ़िया...लिखा है तुने बहुत आछा

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